ब्रेस्ट केयर ड्यूरिंग प्रेगनेंसी

ब्रेस्ट केयर ड्यूरिंग प्रेगनेंसी

 

ब्रेस्ट केयर ड्यूरिंग प्रेगनेंसीब्रेस्ट केयर ड्यूरिंग प्रेगनेंसी

गर्भावस्था में गर्भवती के शरीर में कई तरह के परिवर्तन होते हैं। इनमें से एक परिवर्तन है स्तन का आकार बढ़ना, स्तनों की साइज बड़ी होना। 9 महीने तक यह स्तन तैयार होते हैं शिशु के भरण-पोषण के लिए और 9 महीने बाद इनमें दूध उत्पन्न हो जाता है।

इस बदलाव के दौरान गर्भावस्था में स्तनों में दर्द होना आम बात होती । आइए जानते हैं यह दर्द क्यों होता है ?

estrogen and progesterone नामक harmonies की अधिक मात्रा में secretion होने के कारण स्तनों का आकार बढ़ने लगता है। उनमें दुग्ध ग्रंथियां कई गुना बढ़ जाती है। और वहां पर blood circulationभी बढ़ता है। बढ़ा हुआ आकार और बढ़ा हुआ रक्त संचार

की वजह से ब्रेस्ट में दर्द महसूस होता है।

यदि हम गर्भावस्था में ब्रेस्ट की ठीक तरह से देखभाल करें तो प्रेगनेंसी के दौरान ब्रेस्ट में होने वाले दर्द और असहजता को कम कर सकते हैं।

चलिए देखते हैं गर्भावस्था में ब्रेस्ट में कौनसे-कौनसे बदलाव आते हैं

प्रेगनेंसी में ब्रेस्ट की साइज बढ़ जाती है। बेस्ट सेंसिटिव हो जाते । ब्रेस्ट में भारीपन महसूस होता है।touch से दर्द होता है।

निपल्स और एरियोला का रंग गहरा हो जाता है। एरियोला यहां निप्पल के आजू बाजू वाला हिस्सा होता है। निप्पल और एरियोला का आकार भी बढ़ जाता है।

ब्रेस्ट के आसपास की नसों का रंग भी गहरा हो जाता है और रक्त का प्रवाह बढ़ने के कारण यह नसे साफ दिखती है।

Breast सेcholestrom निकलता है ।यह पीले रंग का गाढ़ा पदार्थ होता है। यह विशेष दूध होता है जो शिशु को पहली बार स्तनपान करने पर मिलता है।

कभी-कभी निपल्स में creck भी आते हैं।जिसे यदि प्रॉपर्ली ध्यान देकर ठीक नहीं किया तो फीडिंग के टाइम वहां दूध जमकर ,बेबी को डायरिया या पेट की शिकायत हो सकती है। तो इस crecks को अच्छे से ठीक करना जरूरी होता है।

स्तनों पर स्ट्रेच मार्क्स का आना यह भी एक बदलाव देखा जाता है। किसी किसी की निपल्स भी रिट्रैक्टेड याने अंदर की तरफ होती है।

तो आइए अब देखेंगे कि इन बदलावों को हम कैसे डील करें।।।।।

1)ब्रैस्ट मसाज:

Breast कि निप्पल स्ट्रेच मार्क्स म्यूजिक ट्रैक आती है उसे ठीक करने के लिए ब्रैस्ट मसाज करें। मसाज के लिए आप जैतून का तेल या बादाम का तेल यूज़ कर सकती है या मॉइश्चराइजर से भी आप नहाते समय सर्कुलर मोशन में मालिश कर सकती है। यह मैसेज कम से कम 5 मिनट तक करें। इससे डिलीवरी के बाद दूध अच्छे से आएगा स्तन मुलायम रहेंगे तथा दूध का प्रभाव भी बढ़ेगा। इसके साथ-साथ यदि आपको रिट्रैक्टेड निप्पल की शिकायत हो तो निप्पल की मसाज बाहर की तरफ उसे हल्का सा खींचकर करें।

ध्यान रहे हर महिला में प्रेगनेंसी के दौरान breast में एक जैसे बदलाव नहीं होते हैंl कुछ महिलाओं को स्तनों में ढीले पड़ने की परेशानी होती है तो कुछ महिलाओं को कम से कम बदलाव नजर आते हैं। गर्भावस्था में अपनी ब्रेस्ट की अच्छी तरह से देखभाल करें और यदि कोई भी असामान्य बदलाव देखे तो अपने गायनेकोलॉजिस्ट को जरूर दिखाइए।

 

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